डर से आज़ाद जीना, हमारा अधिकार है.
आप अनजान तो क्या, आप पर भी विश्वास करने का भी अधिकार है.
जैसा आपको , मुझपर I
रात को सितारों की चमक में घूमने का अधिकार है. I
राह चलती रात की रानी को सूंघने का अधिकार है I
म्यूजियम ऑफ़ स्ट्रीट वेपन्स ऑफ़ डिफेन्स को दफना देना का अधिकार है I
अकेली आवारा आज़ाद जीने का अधिकार है I
खुद को इजाज़त देने का अधिकार हैI
हाँ ओर ना , दोनों का अधिकार है
शरीर में गर्व लिए, डर छोड़ने का अधिकार है I
मैं खुद अपने शरीर की हक़दार हूँ,
यह मानकर जीने का अधिकार है.
एक्शन शीरो निडरता से स्वप्न देखकर , एक नयी हकीकत बनाते हैं I
इसमें आप भी शामिल हों. आपका इंतज़ार है
The poem was written for a TED talk (2017) #TEDTalksIndiaNayiSoch , in association with TED, Star Plus and Shahrukh Khan. View talk here
Language : hindustani