Jasmeen Patheja

View Original

Akeli Awaara Azaad

डर से आज़ाद जीना,  हमारा अधिकार है.

आप अनजान तो क्या, आप पर भी विश्वास करने का भी अधिकार है. 

जैसा आपको , मुझपर I


रात को सितारों की चमक में घूमने का अधिकार है. I

राह चलती रात की रानी को सूंघने का अधिकार है I

म्यूजियम ऑफ़ स्ट्रीट वेपन्स ऑफ़ डिफेन्स को दफना देना का अधिकार है I

अकेली आवारा आज़ाद जीने का अधिकार है I


खुद को  इजाज़त देने का अधिकार हैI

हाँ ओर ना , दोनों का अधिकार है

शरीर में गर्व लिए, डर छोड़ने का अधिकार है I

मैं खुद अपने शरीर की हक़दार हूँ,

यह मानकर जीने का अधिकार है. 

एक्शन शीरो निडरता से स्वप्न देखकर , एक नयी हकीकत बनाते हैं I

इसमें आप भी शामिल हों. आपका इंतज़ार है

The poem was written for a TED talk (2017) #TEDTalksIndiaNayiSoch , in association with TED, Star Plus and Shahrukh Khan. View talk here
Language : hindustani